दिल्ली की राउज एवेन्यू (Rouser Avenue) कोर्ट ने सोमवार को शराब नीति केस में भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के कविता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इस केस की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है। के कविता को ईडी ने 15 मार्च 2024 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी मांगी थी।

BRS नेता ने अपनी याचिका में कहा था कि इस मामले में किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ और मुकदमे पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की कोशिश की आशंका पैदा नहीं होती है। कविता की याचिका में कहा गया था कि सीबीआई ने पूरी तरह से गवाहों या उनके रिश्तेदारों/ सहयोगियों/ कर्मचारियों के बयानों पर भरोसा किया है, जो उनकी छवि खराब करने और विशेष रूप से उन्हें मौजूदा आम चुनाव में प्रचार करने से रोकने की बड़ी साजिश का हिस्सा है। हालांकि जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि के कविता घोटाले से जुड़ी साजिश में पूरी तरह से शामिल थीं।

वहीं, CBI ने के कविता की जमानत अर्जी का विरोध किया था और कहा था कि कविता मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं। जमानत पर रिहा होने की सूरत में वे इस मामले से जुड़े गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकती हैं। मामले की जांच निश्चित रूप से प्रभावित होने के आसार हैं। लिहाजा, इनको अभी न्यायिक हिरासत में ही रहने दिया जाए।

गिरफ्तार के बाद न्यायिक हिरासत में हैं के कविता
ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने इसे एक ऐसा मामला बताया, जिसमें पावरफुल लोग दूसरों को अपने बयान वापस लेने के लिए मजबूर कर रहे थे। यह दलील कविता के सह-अभियुक्त अरुण पिल्लई के संदर्भ में दिया गया था। आरोप लगाया गया है कि कविता ने उस पर अपना बयान वापस लेने के लिए दबाव डाला था, जब उसका सामना अरुण से होना था। BRS नेता के कविता दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की जांच ईडी और सीबीआई दोनों कर रही हैं। दोनों मामलों में जमानत की मांग करने वाली उनकी याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा गया है।

इससे पहले 2 मई को दिल्ली की राऊज एवेन्यू अदालत ने के कविता द्वारा दायर जमानत याचिका पर अपना फैसला टाल दिया था। कोर्ट ने 6 मई को ही सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में अपने आदेश सुनाने का फैसला किया था। के कविता का कहना था कि उनका समाज से गहरा जुड़ाव है। उनके भागने का खतरा नहीं है। उन्होंने जांच में सहयोग किया है और शामिल हुई हैं। के कविता ने याचिका में कहा था कि मौजूदा आम चुनाव में प्रचार करने से रोकने के अलावा उन्हें गिरफ्तार करने का कोई तत्काल कारण नहीं था।

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